सरकार से आरक्षण लेकर ही चैन कर सांस ले जाट समुदाय-कैप्टन अरविंदर सिंह
रिपोर्टर ब्यूरो : 5 जुलार्इ, शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय जाट महासभा द्वारा
सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर महाअधिवेशन बुलाया गया। जाट महाशभा के राश्ट्रीय अध्यक्ष पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अरविंदर सिंह की अध्यक्षता में इस प्रकार का यह पहला अधिवेशन आयोजित किया गया है। इसमें दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडढा, केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह, रेणुका चौधरी व अन्य जाट संगठनों के नेताओं ने आयोजन में शिक्त की। जाट नेताओं ने कहा कि सरकार की ओर से लिए गए कर्इ फेसले सिर्फ चुनाव के डर से होते है, ऐसे में जाटों के लिए यह बढि़या अवसर है, कि वह आरक्षण लेकर ही चैन की सांस ले। नेताओं ने कहा कि चंद दिनों बाद संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में सरकार पर दवाब बनाने के लिए जाट बिरादरी के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। 2013 और 2014 के चुनावों को भांपते हुए हुडढा ने इशारों में कहा कि केंद्र सरकार का इरादा जाटों को आरक्षण देने का है। इस पर बातचीत चल रही है और आरक्षण का मामला 85-90 फीसद तक सकारात्मक है जो शेश है उसके लिए एक बार आंदोलन कर धक्का देने की जरूरत है। हुडढा ने कहा कि जाट नेताओं को दलगत राजनीति से उपर उठकर सभी जाट संगठनों को एकमंच पर आने की जरूरत है। यह अच्छा नहीं लगता कि एक ही मांग को लेकर एक ही स्थान पर अलग-अलग आंदोलन हो जैसा कि बीते दिनों में जंतर-मंतर पर देखने को मिला था। हम एक होकर लड़े तो केंद्र से सरकारी नौकरियों में आरक्षण लेकर रहेगें।
रिपोर्टर ब्यूरो : 5 जुलार्इ, शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अखिल भारतीय जाट महासभा द्वारा
सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर महाअधिवेशन बुलाया गया। जाट महाशभा के राश्ट्रीय अध्यक्ष पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अरविंदर सिंह की अध्यक्षता में इस प्रकार का यह पहला अधिवेशन आयोजित किया गया है। इसमें दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित के अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुडढा, केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह, रेणुका चौधरी व अन्य जाट संगठनों के नेताओं ने आयोजन में शिक्त की। जाट नेताओं ने कहा कि सरकार की ओर से लिए गए कर्इ फेसले सिर्फ चुनाव के डर से होते है, ऐसे में जाटों के लिए यह बढि़या अवसर है, कि वह आरक्षण लेकर ही चैन की सांस ले। नेताओं ने कहा कि चंद दिनों बाद संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है, ऐसे में सरकार पर दवाब बनाने के लिए जाट बिरादरी के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। 2013 और 2014 के चुनावों को भांपते हुए हुडढा ने इशारों में कहा कि केंद्र सरकार का इरादा जाटों को आरक्षण देने का है। इस पर बातचीत चल रही है और आरक्षण का मामला 85-90 फीसद तक सकारात्मक है जो शेश है उसके लिए एक बार आंदोलन कर धक्का देने की जरूरत है। हुडढा ने कहा कि जाट नेताओं को दलगत राजनीति से उपर उठकर सभी जाट संगठनों को एकमंच पर आने की जरूरत है। यह अच्छा नहीं लगता कि एक ही मांग को लेकर एक ही स्थान पर अलग-अलग आंदोलन हो जैसा कि बीते दिनों में जंतर-मंतर पर देखने को मिला था। हम एक होकर लड़े तो केंद्र से सरकारी नौकरियों में आरक्षण लेकर रहेगें।
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