Sunday, December 1, 2013

150 करोड़ का हैं, पानी के मीटरों का घोटाला

150 करोड़ का हैं, पानी के मीटरों का घोटाला
रिपोर्टर ब्यूरो: जल बोर्ड में पानी के मीटर के घोटाले का पर्दाफाश करने वाला स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) सिटीजंस फ्रंट फार वाटर डेमोक्रेसी द्वारा दावा किया गया हैं कि यह घोटाला करीब 150 करोड़ रूपये का है।
साफ्टवेयर के लिए एक कंपनी द्वारा एक करोड़ रूपये और अन्य दूसरी कंपनी ने 16 लाख रूपये की मांग की। जल बोर्ड ने दोनों कंपनियों को उनकी मांग के अनुसार रूपये दे दिये, लेकिन दोनों कंपनियों की कीमतों में काफी अंतर की ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने यह आरोप लगाया कि चार लाख मीटर खरीदने के लिए जल बोर्ड ने कुल 252 करोड़ रूपये का भुगतान किया, लेकिन इसमें 150 करोड़ रूपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया।
इसके सभी दस्तावेज उनके पास हैं। इसी संगठन की शिकायत प्रारम्भिक जांच सीबीआइ (केंद्रीय जांच ब्यूरो) द्वारा की जा रही है। सिटीजंस फ्रंट फार वाटर डेमोक्रेसी की ओर से जारी विज्ञपित में बताया गया कि दिल्ली जल बोर्ड ने 30 दिसंबर 2011 में आटोमेटिक मीटर रीडिंग करने वाले तीन लाख मीटर (एएमआर) और एक लाख मीटर (नान-एएसआर) खरीदने के लिए टेंडर जारी किए। इसमें केवल दो कंपनियों ने ठेके लिए है। फ्रंट के संयोजक एसए नकवी द्वारा बताया गया कि एक कंपनी 152 करोड़ रूपये और दूसरी कंपनी को 101 करोड़ रूपये का ठेका दिया गया, तथा वाटर मीटर लगाने के साथ-साथ सात साल तक उसकी देख-रेख का भी काम सौंपा गया। जल बोर्ड ने नान-एएमआर मीटर का भुगतान एक कंपनी को 1457 रूपये और दूसरी कंपनी को 1300 रूपये प्रति मीटर किया, जब नकवी ने एक उपभोक्ता के नाते इस मीटर को खरीदा तो उन्हें 1050 रूपये में मिला, जबकि एक डीलर के रूप में 775 रूपये का कोटेशन मिला। नकवी का कहना है कि इस बिल के बाक्स पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 1300 रूपये लिखा हैं तो फिर दिल्ली जल बोर्ड ने लाखों की संख्या में खरीदे मीटर की कीमत का भुगतान एक कंपनी को 1457 रूपये और दूसरी कंपनी को 1300 रूपये क्यों किया? नकवी ने कहा कि एएमआर मीटर की खरीद में काफी गड़बड़ी हुर्इ हैं। मालवीय नगर में एएमआर मीटर लगाने वाली कंपनी को 3277 रूपये प्रति मीटर का भुगतान किया गया, जबकि एलएंडटी को 5070 रूपये और एसपीएमएल को 6600 रूपये का भुगतान किया गया। एसपीएमएल ने मीटर लगाने के लिए 225 रूपये प्रति मीटर खर्च की मांग की थी, लेकिन जल बोर्ड द्वारा इस कंपनी को 800 रूपये प्रति मीटर का भुगतान कर दिया, और इसके अलावा एलएंडटी को 1905 रूपये का भुगतान किया गया।

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