मंगल पर यान भेज रहे फिर विदेश से क्यों मंगा रहे जवानों के जूते-सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार के साथ दागे सवाल
खराब स्नो जैकेट खरीदने पर सरकार को नोटिस
मुख्य संवाददाता: सुप्रीम कोर्ट ने सीमा पर तैनात जवानों के लिए घटिया सामान खरीदे जाने पर एक बार फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया हैं। कोर्ट ने कहा कि हम परमाणु क्षमता रखते हैं। मंगल पर यान भेज रहे हैं, फिर जवानों के जूते जैसी छोटी-छोटी चीजें विदेश से क्यों मंगा रहे हैं और वह भी खराब क्वालिटी की।
न्यायमूर्ति टीएम ठाकुर एवं न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की पीठ ने ये तीखी टिप्पणियां मंगलवार को कारगिल खरीद घोटाले एवं स्नो जैकेट खरीद घोटाले से संबंधित याचिकाओं पर सुनवार्इ के दौरान की। वर्ष 2004 में दायर कारगिल खरीद घोटाले और वर्ष 2009 में दाखिल स्नो जैकेट खरीद घोटाले की याचिकाओं की सुनवार्इ एक साथ कर रही हैं। पीठ ने इसके साथ ही 2009 के स्नो जैकेट खरीद मामले में केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं। इस बीच, पीठ ने ताबूत घोटाले की सुनवार्इ कर रही निचली अदालत से मामले की सिथति रिपोर्ट भी मांगी हैं। सुनवार्इ के दौरान न्यायालय के मददगार वरिष्ठ वकील राकेश दिवेदी ने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी हम ताबूत जैसी चीज भी विदेश से मंगाते हैं। हम बड़ी ताकत क्या बनेगें। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल से कहा कि सेनानियों के शरीर को लाने की चीज का इंतजाम हम क्यों नहीं कर सकते? ताबूत का आयात क्यों कर रहे हैं। आप तो परमाणु क्षमता रखते हैं। मंगल पर यान भेज रहे हैं, तो फिर छोटी-छोटी चीजें क्यों बाहर से मंगाते हैं। यह सब चीजें हमारे यहां पर क्यों नहीं बन सकती हैं। जूता, गोला-बारूद और अन्य हथियार भी बाहर से मंगवा रहे हैं और वह भी घटिया क्वालिटी के, और वह भी ऐसे जूते जो पैर में फिट भी नहीं आते हैं। कोर्ट ने कारगिल खरीद घोटाले की जांच के लिए कमेटी के गठन का संकेत देते हुए साफ कहा कि एक ऐसी कमेटी होनी चाहिए जो इसकी जांच करें, और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे। इस मुद्दे पर राकेश द्विवेदी अगली सुनवार्इ पर कोर्ट को राय देंगे। कोर्ट के सख्त रूख को देखते हुए सालिसिटर जनरल ने भी पूरे मामले पर रिपोर्ट देने का वादा किया हैं। दूसरी ओर, वकील डीके गर्ग ने बर्फीले इलाकों में सीमा पर तैनात जवानों के लिए 2009 में खराब क्वालिटी की स्नो जैकेट खरीदे जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने मंजूर अली खान की ओर से चार साल पहले दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगे जाने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार के साथ दागे सवाल
खराब स्नो जैकेट खरीदने पर सरकार को नोटिस
मुख्य संवाददाता: सुप्रीम कोर्ट ने सीमा पर तैनात जवानों के लिए घटिया सामान खरीदे जाने पर एक बार फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया हैं। कोर्ट ने कहा कि हम परमाणु क्षमता रखते हैं। मंगल पर यान भेज रहे हैं, फिर जवानों के जूते जैसी छोटी-छोटी चीजें विदेश से क्यों मंगा रहे हैं और वह भी खराब क्वालिटी की।
न्यायमूर्ति टीएम ठाकुर एवं न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की पीठ ने ये तीखी टिप्पणियां मंगलवार को कारगिल खरीद घोटाले एवं स्नो जैकेट खरीद घोटाले से संबंधित याचिकाओं पर सुनवार्इ के दौरान की। वर्ष 2004 में दायर कारगिल खरीद घोटाले और वर्ष 2009 में दाखिल स्नो जैकेट खरीद घोटाले की याचिकाओं की सुनवार्इ एक साथ कर रही हैं। पीठ ने इसके साथ ही 2009 के स्नो जैकेट खरीद मामले में केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं। इस बीच, पीठ ने ताबूत घोटाले की सुनवार्इ कर रही निचली अदालत से मामले की सिथति रिपोर्ट भी मांगी हैं। सुनवार्इ के दौरान न्यायालय के मददगार वरिष्ठ वकील राकेश दिवेदी ने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी हम ताबूत जैसी चीज भी विदेश से मंगाते हैं। हम बड़ी ताकत क्या बनेगें। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल से कहा कि सेनानियों के शरीर को लाने की चीज का इंतजाम हम क्यों नहीं कर सकते? ताबूत का आयात क्यों कर रहे हैं। आप तो परमाणु क्षमता रखते हैं। मंगल पर यान भेज रहे हैं, तो फिर छोटी-छोटी चीजें क्यों बाहर से मंगाते हैं। यह सब चीजें हमारे यहां पर क्यों नहीं बन सकती हैं। जूता, गोला-बारूद और अन्य हथियार भी बाहर से मंगवा रहे हैं और वह भी घटिया क्वालिटी के, और वह भी ऐसे जूते जो पैर में फिट भी नहीं आते हैं। कोर्ट ने कारगिल खरीद घोटाले की जांच के लिए कमेटी के गठन का संकेत देते हुए साफ कहा कि एक ऐसी कमेटी होनी चाहिए जो इसकी जांच करें, और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे। इस मुद्दे पर राकेश द्विवेदी अगली सुनवार्इ पर कोर्ट को राय देंगे। कोर्ट के सख्त रूख को देखते हुए सालिसिटर जनरल ने भी पूरे मामले पर रिपोर्ट देने का वादा किया हैं। दूसरी ओर, वकील डीके गर्ग ने बर्फीले इलाकों में सीमा पर तैनात जवानों के लिए 2009 में खराब क्वालिटी की स्नो जैकेट खरीदे जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने मंजूर अली खान की ओर से चार साल पहले दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगे जाने की मांग की।
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